Saturday, February 28, 2009

शांति का पैगाम






















उग्र है बयार आज, चीखते सियार आज,
दर्द से कराहती, पुकारती माँ भारती,
ज्वाला के मध्य, तोड़ सारे बध्य,

मुट्ठी को तान के, खड़ा हो अब तू शान से,
कर्म अपना जान तू , इसे धर्म अपना मान तू ,
उरदीप को जला कर , संग सबको मिलकर,
शांति-पथ के कंटको को, स्वयं हाथों से निकाल दे ,
तेरा जो नाम है , उस नाम को पहचान दे ,
हो भविष्य सुखमय, इस वर्ष में ये ध्यान दे,
इंसानों की बस्ती में, तू शांति का पैगाम दे !!

Wednesday, February 4, 2009

रहस्य


एक पूरा देशी, विदेश जाकर परदेशियों के बीच बीमार पड़ गया !
लाल-मुँहे डॉक्टरो ने बीमारी का खूब पता लगाया,
परन्तु जब कारण समझ में नहीं आया,
तो खुद देशी ने उसका कारण बतलाया,
कहा, मेने पूरा जीवन गटर जैसा पानी पीते-पीते बिताया है,
लेकिन पहली बार आज मिनरल वाटर को हाथ लगाया है !!

Tuesday, February 3, 2009

बापू और हम

                                                                                                                                                                    हम मरने के बाद स्वर्ग में पहुंचे,

बापू मिले बोले बेटा !
देश में तब से अब तक क्या क्रांति आई है?
हमने कहा बापू और कुछ नहीं,
बस जनता हे राम से हराम पर उतर आई है !!!

Monday, February 2, 2009

भ्रस्टाचार


चुनाव का मौसम फिर से आया,
पूर्व मंत्री जी ने अपने क्षेत्र का दौरा लगाया,
सड़को पर गड्डो से परेशान होकर नेताजी ने फरमाया,
इन गड्डो से ये सिद्ध होता है,
की ये सरकार भ्रस्टाचार के दलदल में सनी है,
तभी किसी आदमी की सामने से आवाज आई,
ये सड़क आप के ही टाइम की बनी है !!!