Sunday, August 5, 2012

मौसम

जिन्हें दिल में रखते हो उनसे क्या मिलने कि तम्मना रखते हो, 
इश्क कोई मौसम नहीं जो बदलने कि गुजारिश करते हो...........

तमन्ना

ख़ामोशियो को समझने की तमन्ना है धीरे धीरे,
जिन्दगी फिर खुल के जीने की तमन्ना है धीरे धीरे !!!

बेवफ़ा

सुर्ख रंग था इज़हारे मोहब्बत का,
बेवफ़ा ने ज़ख्मो की सुर्खियत को भी बेरंग करार दिया !